अनावश्यक कर्ज से बचने के 12 प्रभावी उपाय
बजट, बचत और स्मार्ट उधार प्रबंधन से ऋण और ब्याज के बोझ को टालने की व्यावहारिक रणनीतियाँ

साफ-सुथरा बजट बनाना सीखें
व्यय और आमदनी को लिखकर रखना सबसे पहला कदम है. हर महीने की कमाई, बचत और जरूरी खर्चों को अलग-अलग कॉलम में रखें ताकि आपको साफ-साफ पता चले कि कितने रुपए बच रहे हैं और कहाँ कटौती की जानी है.
बजट बनाते समय त्योहारों और सालाना बड़े खर्चों को भी फिक्स कर लें, जैसे दिवाली, शादी या चिकित्सा खर्च. इससे अचानक कर्ज लेने की संभावना घटती है और EMI के बोझ से बचना आसान होता है.
बचत और आपातकालीन फंड प्राथमिकता बनाएं
एक छोटा सा इमरजेंसी फंड पहले ही बनाना जरूरी है, कम से कम 3 महीने की जीवन-यापन खर्चे जितना. बैंक में अलग फिक्स्ड खाता रखें या अल्पकालिक फिक्स्ड डिपॉजिट में पईसे रखें ताकि आपातकाल में क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन पर निर्भर न होना पड़े.
ऑटो-ड्रेफ्ट से हर महीने सैलरी खाते से बचत खाते में ट्रांसफर सेट करें. UPI और नेट बैंकिंग के जरिए छोटी-छोटी बचत से बड़ा फ़ायदा मिलता है और मन में अनुशासन आता है.
स्मार्ट तरीके से उधार लें और EMI संभालें
जिन चीजों के लिए कर्ज लेना ही पड़े, उनको सम्हालकर चुनें; जरूरत और चाहत में फर्क करना सीखें. होम लोन या एजुकेशन लोन जैसी ज़रूरी जरूरतों के अलावा व्यक्तिगत लोन केवल तब लें जब वापसी की स्पष्ट योजना हो.
कर्ज लेते समय ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस और प्रीपेपमेंट चार्ज जांचें. EMI का बोझ बढ़ता दिखे तो बैंक से रीस्ट्रक्चरिंग या टेक-टू-लोअर टेन्योर के विकल्प पूछें. क्रेडिट कार्ड बिल समय पर चुकाने की आदत डालें ताकि ब्याज से बचा जा सके.
खर्चों में अनुशासन और व्यवहारिक विकल्प
खिराना शॉपिंग, पेट्रोल और मोबाइल रिचार्ज जैसे नियमित खर्चों पर ऑफर और कैशबैक का फायदा उठाएं पर अनावश्यक डिस्काउंट का बहाना बनाकर खरीदारी न करें. जरूरत पड़ने पर लोकल मार्केट और ऑनलाइन प्राइस कंपेरिजन कर लें.
माइक्रो-लक्ष्य बनाकर बड़े खर्चों के लिए बचत करें; जैसे नया मोबाइल या टीवी। इससे इमीडियेट क्रेडिट लेने का मन नहीं करेगा. आज ही अपने खाते का ऑडिट करें और कम महत्वपूर्ण सब्सक्रिप्शंस काटें ताकि अगले महीने से ही कर्ज की गुंजाइश कम हो.