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अपने पैसे की समझ बढ़ाने के 7 सरल तरीके

पैसे के बेहतर प्रबंधन के लिए बजट, बचत और निवेश की व्यावहारिक आदतें जो आपकी वित्तीय जागरूकता बढ़ाएँ

अपनी आय और खर्च का हिसाब रखें

किसी भी पैसे की समझ की शुरुआत यह जानने से होती है कि हर महीने कितना आता और कितना जाता है। मोबाइल पर एक साधारण स्प्रेडशीट या UPI, नेट-बैंकिंग की ट्रांज़ेक्शन हिस्ट्री देखकर आप दो–तीन महीने का पैटर्न पकड़ सकते हैं।

रोज़ाना की छोटी-छोटी चीज़ें भी जोड़ लें — चाय, ऑटो, ऑनलाइन ऑर्डर — क्योंकि यही छोटे खर्च आपकी बचत चुरा लेते हैं। महीने के अंत में सेल्फ-चेक करें और उसी के आधार पर अगला कदम तय करें।

सरल और व्यवहारिक बजट बनाएं

बजट बनाते समय जटिल कैटेगरी न बनाएं; 3 हिस्सों में बाँटें: ज़रूरी खर्च, बचत, और मनोरंजन। यह पारंपरिक 50/30/20 फॉर्मूला का सरल रूप है लेकिन उसे अपनी सिटी और कमाई के हिसाब से एडजस्ट करें।

अगर सकल वेतन के बाद बचत नहीं बन रही तो छोटे-छोटे कटौती से शुरुआत करें — सब्सक्रिप्शन, बाहर खाने का फ्रीक्वेंसी, या किराने में ब्रांड्स पर नजर। जीत छोटी जीतों से बनती है।

आपातकालीन फंड और बचत की आदत

एक आपातकालीन फंड खोलना पहला और सबसे अहम कदम है; कोशिश करें 3-6 महीने के खर्च के बराबर राशि अलग रखें। यह FDs, सिटी बचत खाते या आसानी से तौली जाने वाली एफडी जैसे विकल्पों में रखा जा सकता है।

ऑटोमैटिक ट्रांसफर सेट कर दें ताकि हर सैलरी में से एक तय हिस्सा सीधे बचत में चला जाए। छोटे-छोटे लक्ष्यों के लिए अलग-थलग म्यूचुअल फंड या रेंटल सेविंग्स का उपयोग करें ताकि लक्ष्य दिखे और मोटिवेशन बना रहे।

स्मार्ट निवेश और कर्ज का प्रबंधन

निवेश शुरू करने से पहले अपने जोखिम प्रोफ़ाइल को समझें; लिक्विडिटी, टार्गेट और टैक्स इम्पैक्ट देखें। SIP से म्यूचुअल फंड में नियमित निवेश छोटे-छोटे अमाउंट से भी बड़ा फर्क ला देता है। पीपीएफ और एलआईसी जैसे सुरक्षित विकल्पों को भी समझें।

कर्ज होने पर EMI का रिफायनेंसिंग विकल्प, या क्रेडिट कार्ड के ऊँचे ब्याज को प्राथमिकता से खत्म करें। कर्ज को टैब करके और प्रायोरिटी दे कर चलना आपकी वित्तीय जागरूकता को मजबूत बनाता है। छोटी-छोटी स्मार्ट आदतें लम्बे समय में बड़ा फर्क दिखाती हैं।